Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु विषय ममता

ममता की मूरत

ममता की मूरत, प्यार की धारा,
जिसने जीवन रोशन सारा।
निस्वार्थ प्रेम का सागर गहरा,
हर दुख में जो बने सहारा।

झूले में जिसने झुलाया,
लोरी गाकर हमें सुलाया।
भूखी रहकर हमें खिलाया,
अपने आंचल में सब छुपाया।

उसकी नजरों में है दुआएं,
बिन बोले सब कुछ कह जाएं।
चाहे दुनिया रूठ भी जाए,
माँ की ममता साथ निभाए।

हर दर्द को अपने में समेटे,
खुद जलकर दीपक-सा चमके।
उसकी गोद में चैन जो मिलता,
और कहां वैसा सुख दिखता?

ममता की छांव सदा बनी रहे,
हर जीवन उसमें रंग भरे।
माँ की ममता अमर रहे,
इससे प्यारा कुछ और न कहें।

सुनीता गुप्ता

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2 Comments

hema mohril

26-Mar-2025 05:02 AM

amazing

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Varsha_Upadhyay

13-Feb-2025 08:25 PM

Very nice 👍🏻

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